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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

Lord, once the ocean was churned along with the lethal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the entire world from destruction. Your throat turned blue, Hence You might be generally known as Nilakantha.

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भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

Irrespective of 1’s social status or authority, By reciting this, they attain purity and victory. Even those people who are childless and yearning for wants, Will surely acquire blessings from the grace of Lord Shiva.

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को more info प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो Shiv chaisa भगवन।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।

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जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

मैना मातु shiv chalisa lyricsl की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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